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खबर केवल नेपाल से रिश्ते का बिगड़ना है

खबर केवल नेपाल से रिश्ते का बिगड़ना है

आशीष कुमार ‘अंशु’।

भारतीय मीडिया का अर्थ नेपाल की नजर में वे सभी भारतीय खबरिया चैनल है, जो चौबीस घंटे सात दिन खबर देने का दावा करते हैं। इसमें अखबार और वेवसाइट शामिल नहीं है। इसलिए जब नेपाल में मीडिया के प्रति गुस्सा प्रकट करने की बात सामने आती है तो यही माना जाना चाहिए कि यह भारतीय इलेक्ट्रानिक मीडिया के प्रति जाहिर किया जाने वाला गुस्सा है। पिछले दिनों नेपाल से कुछ इलेक्ट्रानिक चैनलों को बंद किए जाने की भी खबर आई थी।

धर्मनिरपेक्ष बना देश नेपाल इन दिनों अपने नए संविधान को बनाने में व्यस्त है। जब नया संविधान तैयार होगा, यह बात सही है कि उस संविधान को बनाते हुए सभी पक्षों को संतुष्ट नहीं किया जा सकता है। इसलिए एक वर्ग में वहां असंतोष की स्थिति थी। ऐसी स्थिति में जब भारतीय मीडिया को संयम से रिपोर्टिंग करनी चाहिए थी। उसने इस बात का ख्याल नहीं रखा। मीडिया रिपोर्टिंग से ऐसा दृश्य बनाया गया कि पूरे नेपाल में इस वक्त आग लगी हुई है। ऐसे समय में भारत नेपाल के रिश्ते सामान्य होने के बावजूद तनावपूर्ण हो गए। नेपाल में जहां प्रधानमंत्री मोदी के पुतले फूंके जाने की खबर भारत में आ रही थी, वहीं भारत में भी इस पूरी स्थिति को देखते हुए असतोष का माहौल था। यह सारी खबर भारतीय मीडिया में आ रही थी। मतलब आग में घी डालने में कोई कसर भारतीय मीडिया ने नहीं छोड़ी।

इसकी शुरूआत उसी दिन हो गई थी, जब पहली खबर आई, नेपाल हिन्दू राष्ट्र नहीं बनेगा। उसके फॉलोअप में खबर आई नेपाल में भारत के खिलाफ माहौल बन रहा है। इस तरह की घटनाओं को भारतीय मीडिया में बहुत तवज्जों मिलती रही।

अब हालात दोनों तरफ से सुधर रहे हैं। इसका प्रयास हो रहा है लेकिन सुधार की खबर मीडिया से बाहर है। 07 अक्टूबर को नेपाल के राजदूत दीप कुमार उपाध्याय का दिया गया बयान, भारत और नेपाल के रिश्ते को मजबूत करने वाला था। उसमें दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ाने वाली कोई बात नहीं थी। सकारात्मक खबरों की पत्रकारिता पक्षधर होने के नाते यही सोचकर उस शाम टेलीविजन ऑन किया था कि सभी खबरिया चैनलों पर राजदूत का बयान प्रमुख खबर होगी लेकिन सभी चैनलों से गुजर कर निराश हुआ। खबर का कोई नाम निशान नहीं था। यह बात समझ आ गई कि जब राजदूत भारत के खिलाफ कोई बयान देंगे, खबरिया चैनलों को उसके बाद ही उस बयान में खबर नजर आती है। इसलिए माननीय राजदूत का ‘आज नेपालको नयां संविधान सम्बन्धमा अन्तरक्रिया कार्यक्रम’ में दिया हुआ महत्वपूर्ण बयान कहीं नजर नहीं आया।

राजदूत ने बताया कि नेपाल की 90 फीसदी आबादी ओमकार परिवार की है। नेपाल के नए संविधान में धर्म परिवर्तन पर कड़ा कानून है। गाय माता राष्ट्रीय पशु है। नए कानून में भी उसकी हत्या का निषेध है और यह अपराध करता हुआ कोई पाया गया तो सात साल की सजा है। (अब इसके बाद हिन्दू राष्ट्र में और क्या होता?)

माननीय राजदूत ने कहा कि पिछले दिनों जो कुछ भी हुआ उसे एक बूरा सपना समझना चाहिए। और उसे भूला देने की अपील उन्होंने भारत के लोगों से की।

उन्होंने यह भी कहा कि यदि आपके पास नेपाल के नए संविधान के संबंध में कोई सलाह है अथवा सुझाव है तो नेपाल दूतावास में आपका स्वागत है। नेपाल के संविधान का यह अंतिम ड्राफ्ट नहीं है। उसमें सुधार का विकल्प खुला है।

इतनी बेबाकी से दिए गए राजदूत के बयान का स्वागत पूरे देश को करना चाहिए। भारत सेे रिश्ते सुधारने की दिशा में उनकी तरफ से किए गए प्रयास की हम सबको सराहना करनी चाहिए।

इस कार्यक्रम के आयोजक बीपी कोईराला नेपाल इंडिया फाउंडेशन और संयुक्त प्रवासी नेपाली असोसिएशन इन इंडिया थे।

आशीष कुमार ‘अंशु’ जनसरोकार की पत्रकारिता के चंद युवा चेहरों में से एक। सोपान नाम की एक पत्रिका के लिए पूरे देश में घूम-घूम कर रिपोर्टिंग करते हैं। मीडिया के छात्रों के साथ मिल कर मीडिया स्कैन नाम का अखबार निकालते हैं। उनसे ashishkumaranshu@gmail.com पर संपर्क किया जा सकता है।)

Tags: Ashish kumar AnshuDistorted CoverageIndian MediaNepal DevelopmentsRelationshipआशीष कुमार ‘अंशु’खबरनेपालभारतीय मीडियारिश्ते
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