About
Editorial Board
Contact Us
Saturday, July 2, 2022
NewsWriters.in – पत्रकारिता-जनसंचार | Hindi Journalism India
No Result
View All Result
  • Journalism
    • Print Journalism
    • Multimedia / Digital Journalism
    • Radio and Television Journalism
  • Communication
    • Communication: Concepts and Process
    • International Communication
    • Development Communication
  • Contemporary Issues
    • Communication and Media
    • Political and Economic Issues
    • Global Politics
  • Open Forum
  • Students Forum
  • Training Programmes
    • Journalism
    • Multimedia and Content Development
    • Social Media
    • Digital Marketing
    • Workshops
  • Research Journal
  • Journalism
    • Print Journalism
    • Multimedia / Digital Journalism
    • Radio and Television Journalism
  • Communication
    • Communication: Concepts and Process
    • International Communication
    • Development Communication
  • Contemporary Issues
    • Communication and Media
    • Political and Economic Issues
    • Global Politics
  • Open Forum
  • Students Forum
  • Training Programmes
    • Journalism
    • Multimedia and Content Development
    • Social Media
    • Digital Marketing
    • Workshops
  • Research Journal
No Result
View All Result
NewsWriters.in – पत्रकारिता-जनसंचार | Hindi Journalism India
Home Journalism Radio and Television Journalism

टीवी मीडिया के न्यूज फॉर्मेट (पार्ट-2)

टीवी मीडिया के न्यूज फॉर्मेट (पार्ट-2)

संदीप कुमार।

ब्रेकिंग
ब्रेकिंग न्यूज टीवी मीडिया की धड़कन है। अक्सर टीवी स्क्रीन पर ब्रेकिंग न्यूज फ्लैश होती रहती है। शायद ही कोई बुलेटिन हो, जिसमें कोई न कोई ब्रेकिंग न्यूज न हो। ब्रेकिंग न्यूज सिर्फ कोई नई खबर या अप्रत्याशित खबर नहीं होती है। किसी खबर का अपडेट भी ब्रेकिंग न्यूज के तौर पर चलाया जाता है।

ब्रेकिंग न्यूज वक्त का मोहताज नहीं होता। आप उसे रोक कर नहीं रख सकते। ये ऐसी हार्ड न्यूज होती है जिसे इत्मीनान से नहीं चलाया जाता बल्कि जब आए तभी ब्रेक करना होता है इसीलिए तो इसका नाम ब्रेकिंग न्यूज पड़ा है। जब ब्रेकिंग न्यूज आए तो उसे उसी वक्त ऑन-एयर करना जरूरी होता है। अगर स्क्रीन पर फुल फ्रेम ब्रेकिंग न्यूज न चल पाए तो कम से कम नीचे यानी टिकर एरिया में चलाना ही होता है। कई बार कुछ ब्रेकिंग न्यूज ऐसे वक्त में आ जाती है जब कमर्शियल (एड) चल रहा होता है। ऐसे में टिकर एरिया में ब्रेकिंग न्यूज चलाया जाता है। और अगर काफी बड़ी ब्रेकिंग न्यूज आ जाए तो कमर्शियल को भी तोड़ दिया जाता है यानी कमर्शियल रोक कर उसे ऑन-एयर किया जाता है।

ब्रेकिंग न्यूज आती कैसे है ?
टेलीविजन मीडिया में मुख्य रूप से दो डेस्क होते हैं। इनपुट और आउटपुट। मोटा-मोटी ये समझिए कि इनपुट डेस्क यानी एसाइनमेंट टीम, रिपोर्टर्स की टोली, रिसर्च टीम वगैरह। और आउटपुट डेस्क का मतलब उन लोगों की टीम जो ये तय करती है कि कोई खबर किस तरह से ऑन-एयर होगी। यही टीम स्क्रिप्ट लिखती है, बुलेटिन, शो, प्रोग्राम, डॉक्यूमेंट्री बनाती है। यूं समझिए कि इनपुट डेस्क रॉ मैटिरियल लाता है जिसे आउटपुट डेस्क ऑन-एयर होने लायक बनाता है।

अब ब्रेकिंग न्यूज की बात। जाहिर-सी बात है कि ब्रेकिंग न्यूज इनपुट डेस्क (वाया रिपोर्टर, न्यूज एजेंसी) से आती है। इनपुट, आउटपुट को बताता है कि ये बड़ी खबर आई है। जिसके बाद आउटपुट डेस्क उस खबर को ऑन-एयर करने की तैयारी करता है। इनपुट से आउटपुट तक खबरें या संदेश भेजने के लिए कई तरीके हैं। हर न्यूज चैनल में इस बाबत अलग-अलग किस्म का सॉफ्टवेयर सिस्टम होता है। आउटपुट डेक्स में काम करने वाले हर शख्स के कंप्यूटर पर इनपुट की तरफ से कोई भी मैसेज भेजा जाता है जिसे वायर कहते हैं। ये वायर इनपुट और आउटपुट के बीच कड़ी का काम करता है। हालांकि मेल के जरिए, फोन के जरिए भी खबरें इनपुट से आउटपुट तक भेजी-बताई जाती हैं। कई बार ब्रेकिंग न्यूज या किसी बड़े अपडेट के बारे में इनपुट, आउटपुट को टॉक-बैक से भी बताता है। टॉक-बैक एक इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम है जिसके जरिए बगैर फोन किए कोई शख्स उस दूसरे शख्स तक संदेश बोल कर दे सकता है जिसके सामने टॉक-बैक रखा हुआ है। आउटपुट में रनडाउन के पास और इनपुट के पास हर हाल में टॉक-बैक होता है और इसके जरिए दोनों टीम एक-दूसरे से संपर्क में बनी रहती है।

ब्रेकिंग न्यूज किस-किस रूप में आती है ?

1. अचानक आने वाली बड़ी खबर
ऐसी खबरें अप्रत्याशित होती हैं यानी इनके बारे में पहले से कोई सुगबुगाहट नहीं होती। अचानक ही ऐसी खबरें आ जाती हैं और इसकी अहमियत इतनी ज्यादा होती है कि ये ब्रेकिंग न्यूज बन जाती है। मसलन, भूकंप का आना, कोई बड़ा हादसा, किसी बड़ी शख्सियत का निधन, कोई अनहोनी आदि।

हालिया उदाहरण-
• आंध्र प्रदेश के राजमुंदरी में गोदावरी किनारे पुष्कर मेले में भगदड़

2. बड़ी खबर में अपडेट्स का आना
ब्रेकिंग न्यूज तुरंत आकर खत्म नहीं हो जाती। वो लंबे समय तक खिंचती है। पूरे दिन तक और कई बार कई दिनों तक चलती हैं।

मसलन, ऊपर के उदाहरण पुष्कर मेले की भगदड़ पर गौर करें। मान लीजिए कि सुबह 10 बजे के आसपास खबर आती है कि राजमुंदरी में भगदड़ मच गई है। ये बिल्कुल शुरुआती खबर है जिसमें मृतकों और घायलों की संख्या के बारे में ज्यादा पता नहीं होता। या शुरुआती जानकारी ये आई हो कि दो लोगों की मौत की खबर है। लेकिन 11 बजे के आसपास खबर आती है कि मृतकों की संख्या 10 पहुंच गई है तो ये एक नए सिरे से ब्रेकिंग न्यूज होगी जिसमें कहा जाएगा कि पुष्कर मेले में भगदड़ में हताहतों की तादाद 10 हो गई है। मतलब कि हर बड़ी खबर से जुड़ी सूचनाएं भी ब्रेकिंग न्यूज होंगी। सीएम मौके पर पहुंचते हैं, पीएम इस हादसे पर शोक जताते हैं, सरकार मृतक के परिजनों को मुआवजे का ऐलान करती है, मामले की जांच के आदेश दिए जाते हैं, भगदड़ की वजह क्या है- ऐसी जितनी भी सूचनाएं, जब-जब आएंगी वो ब्रेकिंग न्यूज के तौर पर टीवी स्क्रीन पर चलेंगी।

इस श्रेणी में क्रिकेट मैच को भी रख सकते हैं। जैसे कि आज भारत और जिम्बाब्वे में मैच है, इसके बाद टॉस किसने जीता, कौन पहले बल्लेबाजी करेगा- ये शुरुआती ब्रेकिंग न्यूज होगी। स्कोर कितना हुआ, किसने सेंचुरी लगाई, किसने विकेट झटके- इस तरह की सूचनाएं अपडेट के तौर पर ब्रेकिंग न्यूज चलेगी।

3. बड़ी खबर में फैसला आना
ऐसी ब्रेकिंग न्यूज के बारे में एक हद तक पहले से पता होता है। केवल आखिरी फैसले का इंतजार होता है और वो जैसे ही आ जाता है, ब्रेकिंग न्यूज बन जाती है। जैसे, हाल ही में आईपीएल की सट्टेबाजी मामले में फैसले का आना। सुबह से ही ये ब्रेकिंग न्यूज चलने लगी थी कि आज सट्टेबाजी में फैसला आएगा और देखना होगा कि मयप्पन गुरु, राज कुंद्रा, चेन्नई सुपरकिंग्स और राजस्थान रॉयल्स का क्या होगा? बाद में इनपर पाबंदी लगाने का फैसला आता है और फिर ये ब्रेकिंग न्यूज हो जाती है। यहां गौर करने वाली बात है कि ये पूर्ण रूप से अप्रत्याशित खबर नहीं थी क्योंकि पहले से पता था कि फैसला आना है लेकिन सजा क्या और कितनी होगी, इसका इंतजार था।

इसी श्रेणी में भी क्रिकेट मैच को रख सकते हैं। मैच में होने वाले अपडेट्स को ब्रेकिंग न्यूज की तरह से चलाया जा रहा होता है लेकिन आखिरी रिजल्ट का इंतजार खेल खत्म होने तक होता है। ये पहले से पता होता है कि कोई टीम जीतेगी, कोई हारेगी। बस किसकी जीत हुई, किसकी हार हुई, ये आखिर में पता चलता है। मैन ऑफ द मैच कौन हुआ, जीती और हारी हुई टीम के कप्तान ने क्या कहा, इस जीत से टीम की आईसीसी रेटिंग में क्या बदलाव हुआ- ये सब भी ब्रेकिंग न्यूज के तौर पर चलती हैं।

मूल रूप से ब्रेकिंग न्यूज के यही तीन फॉर्मेट होते हैं लेकिन हर चैनल का अपना एडिटोरियल लाइन और फैसला होता है और उस मुताबिक, किस खबर को ब्रेकिंग न्यूज में लेना है या नहीं, ये फैसला चैनल-दर-चैनल बदल भी सकता है।

ब्रेकिंग न्यूज लिखी कैसे जाती है ?
जैसे कि इनपुट की तरफ से आउटपुट डेस्क पर पुष्कर भगदड़ को लेकर इस तरह से ब्रेकिंग मैसेज आता है-

आंध्र प्रदेश के राजमुंदरी में गोदावरी किनारे पुष्कर मेले में भगदड़ मची, दो लोगों की मौत, हताहतों की संख्या बढ़ने की आशंका, राहत-बचाव में जुटा प्रशासन।

ये शुरुआती जानकारी इनपुट की तरफ से जब आती है तो इसे ब्रेकिंग न्यूज के रूप में आउटपुट डेस्क बनाता है और उसे स्क्रीन पर पेश करता है। ऊपर की इस सूचना को कम शब्दों की छोटी-छोटी अर्थपूर्ण पंक्तियों में तोड़ा जाता है जो स्क्रीन पर बारी-बारी से आती है। ऊपर के उदाहरण को ब्रेकिंग न्यूज में इस तरह लिखा जा सकता है-

आंध्र प्रदेश में पुष्कर मेले में भगदड़
भगदड़ में दो लोगों की मौत की खबर
हताहतों की तादाद बढ़ने की है आशंका
आंध्र के राजमुंदरी में लगा था पुष्कर मेला
गोदावरी नदी के तट पर मेले में भगदड़
राहत-बचाव के लिए मौके पर पहुंची टीम

ब्रेकिंग न्यूज को विस्तार से बताने के लिए एंकर, रिपोर्टर का फोनो (फोन पर सूचना) लेगा या फिर लाइव चैट करेगा। अगर ब्रेकिंग न्यूज से जुड़े विजुअल आ गए हों तो आधी स्क्रीन पर विजुअल और आधी स्क्रीन पर ब्रेकिंग न्यूज का टेक्सट चलाया जाएगा। अगर ब्रेकिंग न्यूज ऐसी हो जिसमें सूचना सिर्फ रिपोर्टर से ही नहीं, बल्कि पुलिस-प्रशासन से जुड़े लोगों, नेताओं या खबर से सीधा संबंध रखने वाले लोगों से ली जा सकती हैं, तो उनका भी फोनो या लाइव लिया जा सकता है। जैसे-जैसे खबर से जुड़े विजुअल, बाइट और विस्तृत जानकारी आ जाती है, ब्रेकिंग न्यूज मुकम्मल स्टोरी में तब्दील होती चली जाती है। और अगर खबर से जुड़ी कोई नई जानकारी, अपडेट न आए तो टीवी स्क्रीन पर फुल फ्रेम ब्रेकिंग न्यूज का टेक्सट चलाना बंद कर दिया जाता है, हालांकि टिकर एरिया में ब्रेकिंग न्यूज फ्लैश होती रहती है।

संदीप कुमार इंडिया न्यूज में सीनियर प्रोड्यूसर हैं।उन्होंने इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ मास कम्युनिकेशन (IIMC) से प्रशिक्षण प्राप्त किया है। संपर्क: sandeepk.iimc@gmail.com

Tags: Breaking NewsIIMCIndia NewsSandeep KumarTelevision News Formatsइंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ मास कम्युनिकेशनइंडिया न्यूजटीवी मीडियान्यूज फॉर्मेटसंदीप कुमारसीनियर प्रोड्यूसर
Previous Post

प्रतिबिम्ब बनने की प्रक्रिया और पिन होल सिद्धांत

Next Post

कैसे होगी पत्रकारों की सुरक्षा?

Next Post
कैसे होगी पत्रकारों की सुरक्षा?

कैसे होगी पत्रकारों की सुरक्षा?

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

No Result
View All Result

Recent News

How to Curb Misleading Advertising?

June 22, 2022
Camera Circus Blows Up Diplomatic Row: Why channels should not be held responsible as well?

Camera Circus Blows Up Diplomatic Row: Why channels should not be held responsible as well?

June 12, 2022
News and Opinion Editing

The Art of Editing: Enhancing Quality of the Content

June 12, 2022

SCAN NOW FOR DONATIONS

NewsWriters.in – पत्रकारिता-जनसंचार | Hindi Journalism India

यह वेबसाइट एक सामूहिक, स्वयंसेवी पहल है जिसका उद्देश्य छात्रों और प्रोफेशनलों को पत्रकारिता, संचार माध्यमों तथा सामयिक विषयों से सम्बंधित उच्चस्तरीय पाठ्य सामग्री उपलब्ध करवाना है. हमारा कंटेंट पत्रकारीय लेखन के शिल्प और सूचना के मूल्यांकन हेतु बौद्धिक कौशल के विकास पर केन्द्रित रहेगा. हमारा प्रयास यह भी है कि डिजिटल क्रान्ति के परिप्रेक्ष्य में मीडिया और संचार से सम्बंधित समकालीन मुद्दों पर समालोचनात्मक विचार की सर्जना की जाय.

Popular Post

हिन्दी की साहित्यिक पत्रकारिता

समाचार: सिद्धांत और अवधारणा – समाचार लेखन के सिद्धांत

टेलीविज़न पत्रकारिता

समाचार, सिद्धांत और अवधारणा: समाचार क्‍या है?

समाचार : अवधारणा और मूल्य

Rural Reporting

Recent Post

How to Curb Misleading Advertising?

Camera Circus Blows Up Diplomatic Row: Why channels should not be held responsible as well?

The Art of Editing: Enhancing Quality of the Content

Certificate Course on Data Storytelling

Publish Less, but Publish Better

Time to Imagine a Different Internet: Curbing Big Giants to Ensure Diversity of Perspectives and Ideas

  • About
  • Editorial Board
  • Contact Us

© 2022 News Writers. All Rights Reserved.

No Result
View All Result
  • Journalism
    • Print Journalism
    • Multimedia / Digital Journalism
    • Radio and Television Journalism
  • Communication
    • Communication: Concepts and Process
    • International Communication
    • Development Communication
  • Contemporary Issues
    • Communication and Media
    • Political and Economic Issues
    • Global Politics
  • Open Forum
  • Students Forum
  • Training Programmes
    • Journalism
    • Multimedia and Content Development
    • Social Media
    • Digital Marketing
    • Workshops
  • Research Journal

© 2022 News Writers. All Rights Reserved.