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जानिए कैसे होता है एक अखबार में काम ?

जानिए कैसे होता है एक अखबार में काम ?

मुकुल व्यास..

सुबह चाय की चुस्कियों के साथ आप जिस अखबार का आनंद लेते हैं उसे बंनाने के लिए बहुत परिश्रम की आवश्यकता होती है। संपादक के नेतृत्व में पत्रकारों की एक सुव्यवस्थित टीम इस अखबार का निर्माण करती है। पत्रकारों की टीम को अलग-अलग विभागों में विभाजित किया जाता है। ये विभाग हैं मुख्य डेस्क,समाचार ब्यूरो, स्थानीय ब्यूरो,स्थानीय डेस्क, संपादकीय डेस्क,वाणिज्य डेस्क ,खेल डेस्क, रविवासरीय और फीचर डेस्क। इनके अलावा अखबार के कार्यालय में डिजाइन विभाग, फोटो विभाग और संदर्भ सामग्री विभाग भी होते हैं। समाचार ब्यूरो और स्थानीय ब्यूरो को छोड़ कर हर डेस्क उप-संपादकों द्वारा संचालित किया जाता है जिनका नेतृत्व मुख्य उप-संपादक द्वारा किया जाता है। डेस्क पर काम करने वाले पत्रकार के लिए उप-संपादक एक प्रारंभिक पद है। मुख्य डेस्क अखबार का सबसे महत्वपूर्ण विभाग होता है। अखबार के प्रथम और अंतिम पृष्ठों के अलावा देश-विदेश के पृष्ठों पर समाचारों के प्रस्तुतिकरण की जिम्मेदारी मुख्य डेस्क की होती है। मुख्य डेस्क आम तौर पर दो शिफ्टों में काम करती है।  मुख्य डेस्क विभिन्न समाचार एजेंसियों के अलावा समाचार ब्यूरो से समाचार मिलते है। प्रथम पृष्ठ के लिए कभी -कभी स्थानीय ब्यूरो से महत्वपूर्ण स्थानीय समाचार भी प्राप्त होते हैं।

राष्ट्रीय अखबारों के समाचार ब्यूरो में कार्यरत पत्रकार आम तौर पर विशेष संवाददाता कहलाते हैं जिनका नेतृत्व ब्यूरो प्रमुख,चीफ ऑफ द ब्यूरो या विशेष प्रतिनिधि द्वारा किया जाता है। समाचार ब्यूरो मुख्य रूप से विभिन्न केंद्रीय मंत्रालयों, राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री कार्यालयों,चुनाव आयोग, सुप्रीम कोेर्ट और अन्य महत्वपूर्ण सरकारी कार्यालयों से जुड़े समाचार संकलित करता है। कभी-कभी विशेष संवाददाता अपने संपर्कों के माध्यम से विशिष्ट या एक्लूसिव समाचार प्राप्त करने में सफल हो जाते हैं जो कभी-कभी राजनीतिक हलकों में खलबली मचा देते हैं।

समाचार ब्यूरो से जुड़े कुछ संवाददाता प्रदेश की राजधानियों से भी समाचार भेजते हैं। प्रांतीय अखबारों में समाचार ब्यूरो के संवाददाता प्रदेश के विभिन्न अंचलों से ख़बरें एकत्र करते हैं। स्थानीय ब्यूरो में मुख्य संवाददाता के नेतृत्व में संवाददाताओं की टीम स्थानीय महत्व की खबरें एकत्र करती है जिनमे विधान सभा, नगर निगम, अपराध,निचली अदालतें,हाईकोर्ट,और अन्य स्थानीय गतिविधियों की खबरें शामिल हैं। स्थानीय डेस्क स्थानीय ब्यूरो द्वारा एकत्र समाचारों को संपादित करके स्थानीय पृष्ठों का निर्माण करता है।
प्रायः हर डेस्क को खबरों के संपादन के अलावा अपने -अपने पृष्ठों का निर्माण भी करना होता है। इस कार्य में उन्हें डिजाइन विभाग से मदद मिलती है। बहु-संस्करण वाले अखबारों में संपादकीय पृष्ठ,देश-विदेश और रविवासरीय तथा फीचर पेज अलग से बनाने की आवश्यकता नहीं होती। एक ही जगह बने पेजों को दूसरे केंद्रों में सम्प्रेषित कर दिया जाता है। संपादकीय डेस्क पर सहायक संपादकों की टीम संपादक के मार्गनिर्देशन में सामयिक घटनाओं पर अग्रलेख लिखती है। संपादकीय डेस्क एक खुला मंच भी है जहां हर कोई अपने विचार या लेख भेज सकता है। रविवासरीय पृष्ठों पर गंभीर लेखों के अलावा कई हल्के फुल्के कालमों और रोचक  लेखों को सम्मिलित किया जाता है। बहुत से अखबार बॉलीवुड और टीवी,स्वास्थ्य, कॅरियर तथा उच्च व व्यावसायिक शिक्षा के अवसरों पर अलग से सप्लीमेंट निकालते हैं। यह काम फीचर डेस्क द्वारा किया है।
वैसे तो हर रोज अखबार निकालना अपने आप में एक बड़ी चुनौती है,संपादकीय टीम की असली परीक्षा उस समय होती है जब उसे आम बजट,आम चुनावों, होली- दिवाली तथा स्वंत्रता और गणतंत्र दिवसों जैसे विशिष्ट अवसरों पर अलग से कुछ कर दिखाना होता है। इसके अलावा संपादकीय टीम को देश-विदेश में होने वाली बड़ी घटनाओं के लिए भी तैयार रहना पड़ताहै।
संपादक अखबार का सबसे बड़ा अधिकारी होता है।अधिक संस्करणों वाले अखबारों में एक प्रधान संपादक होता है और अलग-अलग केंद्रों की जिम्मेदारी स्थानीय संपादक को दी जाती है। अखबार की कार्य प्रणाली में समाचार संपादक की भूमिका महत्वपूर्ण होती है। प्रमुख पृष्ठों के लिए खबरों के संकलन,चित्रों के चयन और रोचक शीर्षक लगाने की मुख्य जिम्मेदारी समाचार संपादक की होती है। विभिन्न डेस्कों के मुख्य उप-संपादकों के साथ तालमेल बैठा कर अखबार को समय पर छपने के लिए भेजने का दायित्व समाचार संपादक का है। इसके अलावा उसे विभिन्न डेस्कों के लिए ड्यूटी चार्ट भी बनाना होता हैं।

अखबारों में समाचार संपादक की मदद के लिए उप समाचार संपादक भी रखा जाता है। अगले दिन के अखबार का प्रारूप तय करने के लिए तथा उसमें छपने वाली विशिष्ट खबरों के चयन और उनके स्थान निर्धारण के लिए संपादकीय विभाग में हर रोज शाम को एक मीटिंग की परंपरा है जिसमें संपादक, सहायक संपादक समाचार संपादक, ब्यूरो प्रमुख,स्थानीय प्रमुख ,सभी डेस्कों के मुख्य उप-संपादक और डिजाइन प्रमुख भाग लेते हैं।

लेखक  नवभारत टाइम्स में समाचार संपादक रहे चुके हैं.

Tags: mukul vyasworking for newspapers
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