शालिनी जोशी,असिस्टेंट प्रोफेसर,मीडिया स्टडीज
हरिदेव जोशी पत्रकारिता और जनसंचार विवि,जयपुर
न्यूज ऐंकर टीवी पर समाचारों को प्रस्तुत करता है और स्टुडियो डिस्कशंस संचालित करता है. टेलीविजन समाचार तैयार करने और उसके प्रसारण के लिये भले ही एक बड़ी टीम होती है लेकिन बड़ा श्रेय न्यूज ऐंकर को ही मिलता है. वो एक तरह से अपने समाचार चैनल का प्रतिनिधि बन जाता है. टीवी के पर्दे पर अपनी प्रस्तुति की शैली और कौशल से दर्शकों में उसकी एक लोकप्रिय और ग्लैमरस शख्सियत बन जात है. प्रसारण पत्रकारिता में कैरियर की चाह रखनेवाले कई छात्र–छात्राएं इसी ग्लैमर की वजह से टीवी न्यूज ऐंकर बनना चाहते हैं. लेकिन याद रह कि टीवी न्यूज ऐंकरिंग का पेशा जितना ग्लैमरस दिखता है उतना ही अधिक कठिन है और परिश्रम की मांग करता है.
टीवी पर ऐंकरिंग या प्रस्तुति को अंग्रेजी भाषा के 11 ‘पी ’ की मदद से समझा जा सकता है.
– पत्रकारीय दक्षता टीवी न्यूज ऐंकर सिर्फ पत्रकार नहीं है बल्कि वो पत्रकार भी है. एक समय था जब समाचार संपादक कॉपी तैयार करके दे दिया करते थे और न्यूज ऐंकर का काम सिर्फ टेलीप्रॉंप्टर पर उसे देख कर पढ़ना होता था. लेकिन अब ऐसा नहीं है . लाइव टेलीविजन और ब्रेकिंग न्यूज के इस दौर में न्यूज ऐंकर को सम–सामयिक घटनाओं की पूरी जानकारी होनी चाहिये और तत्काल प्रभाव से किसी घटना को समझना और उसके बारे में प्रश्न पूछने की क्षमता और दक्षता होनी चाहिये.इसके लिये समाचारपत्र और पत्रिकाओं को पढ़ना समजना जरूरी है.
– प्रोनाउनसिएशन यानी शब्दों का सही उच्चारण. खास तौर पर नामों और विशिष्ट संज्ञाओं का,विदेशी खिलाड़ियों और राजनयिकों के नामों का सही उच्चारण पता होना चाहिये.
– पंक्चुएशन समाचार कॉपी में विराम,अर्धविराम और प्रश्नवाचक जैसे चिन्हों का सही प्रयोग करके न्यूज ऐंकर अपनी प्सतुति को जीवंत और संप्रेषणीय बना सकत है.
– पॉज कई टीवी ऐंकर बिना किसी ठहराव के लगातार और जल्दी–जल्दी पढ़–बोलकर समाचार खत्म कर देते हैं जबकि ये ध्यान रहना चाहिये कि जब हम आपस में बातचीत भी करते हैं तो थोड़ा ठहरते हैं –रुकते हैं.इसका ख्याल एक न्यूज ऐंकर को भी रखन ही चाहिये.
– प्रोजेक्शन टीवी न्यूज ऐंकरिंग यूं तो अभिनय नहीं है लेकिन फिर भी आवाज का सही और अनुकूल उतार–चढ़ाव जरूरी है.अगर खेल और जीत से जुड़ी खबर हो तो उसे पढ़ने– बताने का तरीका किसी दुखद घटना से अलग रहेगा.
– पिच आवाज की तेजी, गति और लोच सम्यक,गंभीर और संतुलित होनी चाहिये.
– पर्सनैलिटी एक अच्छे टीवी ऐंकर के लिये हीरो और हीरोइन की तरह दिखना जरूरी नहीं है लेकिन उसके व्यक्तित्व का आकर्षक और सहज होना जरूरी है क्योंकि टेलीविजन एक दृश्य–श्रव्य माध्यम है.एक आकर्षक व्यक्तित्व की बदौलत ही वो दर्शकों के साथ एक बेहतर तार–तम्य स्थापित कर सकता है.
– परजरवरेंस टीवी ऐंकरिंग एक ऐसा पेशा है जहां आपको हर कार्यक्रम और हर प्रस्तुति में अपने आपको साबित करना होता है.इसके लिये अपने आपको लगातार निखारते रहने की कड़ी चुनौती होती है.
– पेशेंस और प्रेजेंस ऑफ माइंड
टीवी ऐंकर में आतमविश्वास और धैर्य होना जरूरी है क्योंकि कभी–कभी उसे आपातकालीन स्थितियों का बी सामना करना पड़ सकता है.जैसे कि अचानक टेलीप्रॉंप्टर खराब हो जाए या फिर किसी संवाददाता से टू वे करने के दौरान संपर्क कट जाए.ऐसी स्थिति में वो अपने आत्मविश्वास से ही सकारात्मक ढंग से प्रस्तुति जारी रख सकता है.